मेरे कानो में ईजा के शब्द सुनाई पड़ने बंद हो गए थे मेरे कानो में ईजा के शब्द सुनाई पड़ने बंद हो गए थे
इतनी भीड़-भरी दूनिया में हमारे मन-मानस पर, दिन-रात वही एक ही शख्सियत छाई रहती है। कोई और दिखता-सूझता... इतनी भीड़-भरी दूनिया में हमारे मन-मानस पर, दिन-रात वही एक ही शख्सियत छाई रहती है...
लेकिन दिलीप कुमार इस मामले में भी किस्मत वाले रहे लेकिन दिलीप कुमार इस मामले में भी किस्मत वाले रहे
मानस पिता ने कैसे संभाला जीवन यह बताया है... मानस पिता ने कैसे संभाला जीवन यह बताया है...
मुझे सामने देख वे इतना खुश हुईं कि वर्णन करना मुश्किल है। मुझे सामने देख वे इतना खुश हुईं कि वर्णन करना मुश्किल है।